द फॉलोअप डेस्क
तिरुवनंतपुरम जिले के नेय्याट्टिनकारा में 69 वर्षीय गोपन स्वामी की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए उनके शव को कब्र से निकालने के दौरान उनके परिवार के सदस्यों और कुछ स्थानीय निवासियों के विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस को यह कवायद अस्थायी रूप से रोकनी पड़ी।
परिजनों का दावा है कि गोपन स्वामी ने ‘समाधि’ ली थी। प्रदर्शन के बाद अधिकारियों ने इस मुद्दे के समाधान के लिये परिवार के साथ चर्चा शुरू करने का फैसला किया है। तिरुवनंतपुरम के उपजिलाधिकारी अल्फ्रेड ओवी ने कहा, “परिवार के सदस्यों को नेय्याट्टिनकारा पुलिस थाने बुलाया गया है। आगे की कार्रवाई पर निर्णय लेने से पहले हम उनसे चर्चा करेंगे।”
दोपहर के समय तनाव उस समय बढ़ गया जब नेय्याट्टिनकारा के पुलिस उपाधीक्षक के नेतृत्व में पुलिस का एक दल अन्य अधिकारियों के साथ गोपन स्वामी के शव को निकालने के लिए नेय्याट्टिनकारा के कावुविलकम स्थित उस जगह पहुंचा जहां शव दफन था। जब उपजिलाधिकारी ने परिवार को राजस्व प्रभागीय अधिकारी (आरडीओ) के शव को कब्र से बाहर निकालने के आदेश के बारे में सूचित किया, तो उनकी पत्नी और दो बेटों सहित परिवार के सदस्यों ने विशेष रूप से बनाए गए दफन स्थल पर धरना दिया।
गोपन स्वामी के पुत्र राजसेनन ने कहा कि वह कब्र को क्षतिग्रस्त नहीं होने देंगे, भले ही इसके लिए उन्हें अपनी जान ही क्यों न देनी पड़े। गोपन स्वामी की पत्नी सुलोचना दफन स्थल के पास बैठकर ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र का जाप कर रही थीं, जबकि उनके दूसरे बेटे सनाथन की पुलिस के साथ तीखी बहस हो रही थी। प्रतिरोध के बावजूद पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक वहां से हटा दिया।
स्थानीय निवासियों के एक समूह और वैकुंठ स्वामी धर्म प्रचार सभा (वीएसडीपी) जैसे संगठनों के नेताओं ने भी इस कदम का विरोध किया और तर्क दिया कि अधिकारी परिवार की मान्यताओं में हस्तक्षेप कर रहे हैं। परिवार के वकील ने कहा कि अधिकारियों की कार्रवाई उस परिवार को न्याय से वंचित करने के समान है जो दफन स्थल को पवित्र मानता है और वहां प्रतिदिन प्रार्थना करता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि आरडीओ पुलिस के इशारे पर काम कर रहे हैं और परिवार की मान्यताओं की अनदेखी कर रहे हैं। एक अधिकारी ने बताया कि नेय्याट्टिनकारा पुलिस को राजस्व प्रभागीय अधिकारी (आरडीओ) से सोमवार को गोपन स्वामी के शव को पोस्टमार्टम के लिए बाहर निकालने का आदेश मिला है, जिन्हें संदिग्ध परिस्थितियों में दफनाया गया था। अधिकारी ने बताया कि जिस स्थान पर स्वामी के परिवार द्वारा उनके समाधि लिये जाने का दावा किया गया है, उस जगह की खुदाई आरडीओ की मौजूदगी में की जाएगी।